आप को देश की चिंता खाए जा रही है
क्यों कि आप के हाथ में कुछ नही है ।
और जिसके हाथ में साब कुछ है
वो देश खाए जा रहा है ।
जन्मपार का इंतज़ार
-
वक़्त को बरतने की तरतीब पिछले कुछ सालों में कितनी तेज़ी से बदली है। हमारे
पास एक ज़माने में कितना सब्र होता था। कितनी फ़ुरसत होती थी। हम लंबी
चिट्ठियाँ लिख...
1 week ago
3 comments:
ek tasvir lakhon shabdon par bhari padti hai, aapne tasviron ke madhyam se hamare desh ki sacchai bayan ki. bahut khub....
taswiren hi bayan karti hai hale hindustan ka......
bahut achha sir ..
aapne dil ki baat kahi hai...
mere blog me aapka swagat hai..
www.hullchal.blogspot.com
Post a Comment